आदि धर्म समाज की और से फिरोजपुर छावनी के एतिहासिक आजाद चौक में शाम लाल भंगी की अद्यक्षता में सविंधान दिवस मनाया। इस अवसर पर अलग-अलग धर्मो के नुमाईंदो ने भाग लेकर भारतीय संविधान के रचयता बाबा साहिब अंबेदकर को याद कर उनहें श्रद्धांजलि भेंट की। समारोह में कैंटोनमैंट बोर्ड के पार्षद व समाज सेवक जोरा सिंह संधू ने विशेष रूप से शिरकत की। इस अवसर पर बोलते हुए प्रधान शाम लाल भंगी ने बताया कि आजादी मिलते ही देश को चलाने के लिए संविधान बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया गया। इसी कड़ी में 29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से देखने-परखने के बाद बाबा साहिब भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। 26 नवंबर 1949 को इसे भारतीय संविधान सभा के समक्ष लाया गया। इसी दिन संविधान सभा ने इसे अपना लिया। यही वजह है कि देश में हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होने कहा कि यह भारतीय संविधान ही है जिसने भारत के हर एक नागरिक को समान अधिकार दिए हैं। इस अवसर पर बोलते हुए जोरा सिंह संधू ने कहा कि बाबा साहिब अंबेदकर हो हम शत-शत प्रणाम करते हैं,जिन्होने संविधान की रचना कर भारत के हर एक नागरिक को समान अधिकार दिलवाया, उन्होने कहा कि हमें दीवाली की तरह संविधान दिवस भी पूरे हर्षोउल्लास के साथ मनाना चाहिए । इस अवसर पर रावण सेनव बाल्मीकि फैडरेशन के सदस्यों के अलावा हरीष गोयल,पवन गुप्ता,सुमित पप्पा आदि के अलावा अलग-अलग धर्मो के नुमाईंदे मौजूद थे।
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